लेखक ने बच्चन के व्यक्तित्व के किन-किन रूपों को उभारा है?

बच्चन ने लेखक को इलाहाबाद बुला लिया था। साथ ही लेखक की एम.ए. की पढ़ाई का जिम्मा भी खुद ही उठाया। बच्चन लेखक को एक अच्छा इंसान बनते हुए देखना चाहते थे। इस दौरान लेखक ने बच्चन में अनेक गुण देखे और उन्हें अपने लेख में उभारा—

(1) बच्चन का स्वभाव संघर्षशील, परोपकारी और फौलादी संकल्पवाला था।


(2) बच्चनजी समय के अत्यंत पाबन्द होने के साथ-साथ कला-प्रतिभा के पारखी थे। उन्होंने लेखक द्वारा लिखे एक ही सॉनेट को पढ़कर उनकी कला-प्रतिभा को पहचान लिया था।


(3) बच्चनजी अत्यंत कोमल एवं सहृदय मनुष्य थे।


(4) वे बहुत विनम्र, सरल और सीधे व्यक्तित्व के इंसान थे|


(5) वे ह्रदय से ही नहीं, कर्म से भी परम सहयोगी थे। उन्होंने न केवल लेखक को इलाहाबाद बुलाया बल्कि लेखक की पढ़ाई का सारा जिम्मा भी उठा लिया।


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